बोलता सच : कर्नाटक में भाजपा सांसद विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी के एक बयान ने नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ ब्रिटिश अधिकारी के स्वागत के लिए लिखा गया था। इस बयान के बाद कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे “आरएसएस की व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का इतिहास ज्ञान” बताया।
भाजपा सांसद का विवादित बयान
उत्तर कन्नड़ से भाजपा सांसद विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने यह टिप्पणी कर्नाटक के होन्नावर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। यह कार्यक्रम ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। अपने संबोधन में कागेरी ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्रगान की तरह ही महत्व दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा,
“मैं इतिहास में नहीं जाना चाहता, लेकिन यह सत्य है कि वंदे मातरम को राष्ट्रगान बनाए जाने की जोरदार मांग थी। हमारे पूर्वजों ने तब निर्णय लिया कि वंदे मातरम और जन गण मन दोनों को समान दर्जा दिया जाएगा। हालांकि ‘जन गण मन’ ब्रिटिश अधिकारी के स्वागत के लिए लिखा गया था, फिर भी हमने उसे स्वीकार किया और आज उसका पालन करते हैं।”
कागेरी ने आगे कहा कि “वंदे मातरम” को हर नागरिक तक पहुंचना चाहिए — स्कूलों, कॉलेजों और युवाओं के बीच इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे का पलटवार
भाजपा सांसद के बयान पर कर्नाटक सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —
“भाजपा सांसद कागेरी का दावा कि राष्ट्रगान ब्रिटिश अधिकारी के स्वागत में लिखा गया था, पूरी तरह बकवास है। एक और दिन, आरएसएस की व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का इतिहास ज्ञान!”
खरगे ने अपने पोस्ट में स्पष्ट किया कि ‘जन गण मन’ कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में ‘भारत भाग्य विधाता’ शीर्षक से लिखा था और इसका पहला छंद बाद में राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया।
उन्होंने कहा,
“यह गीत पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था। यह किसी ब्रिटिश सम्राट के सम्मान में नहीं था। टैगोर ने स्वयं 1937 और 1939 में स्पष्ट किया था कि यह गीत भारत के भाग्य विधाता की स्तुति है, न कि किसी ‘जॉर्ज पंचम’ या किसी अन्य ब्रिटिश राजा की।”
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित ‘जन गण मन’ को भारत का राष्ट्रगान 24 जनवरी 1950 को आधिकारिक रूप से अपनाया गया था। वहीं ‘वंदे मातरम’ — बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1870 के दशक में लिखा गया गीत — राष्ट्रीय गीत के रूप में सम्मानित है।
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