बोलता सच : दो पैन कार्ड मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खां तथा उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने दोनों को कोर्ट परिसर से ही हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
सजा सुनते ही पिता-पुत्र कुछ देर अवाक रह गए। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने तत्काल एमपी-एमएलए कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देकर दोनों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि आजम और अब्दुल्ला को ए श्रेणी की सुरक्षा वाली जेल में रखा जाए और दोनों को एक ही जेल में रहने की अनुमति दी जाए।
एक साथ रहने की इच्छा जताई
सूत्रों के अनुसार, आजम खां ने अदालत में साफ कहा कि वे जेल में अपने बेटे के साथ रहना चाहते हैं। उनकी ओर से यह भी कहा गया कि उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें अलग जेल में भेजना उचित नहीं होगा। इसके साथ ही वकीलों ने बताया कि पिता-पुत्र को अलग रखने से उनकी सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। अदालत ने रक्षा पक्ष की इस अर्जी को स्वीकार करते हुए इसे विचार के लिए रख लिया है। अब इस प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को सुनवाई होगी, जिसके बाद तय होगा कि दोनों को एक ही जेल में रखने की अनुमति दी जाएगी या नहीं।
सजा के बाद कोर्ट परिसर में भारी भीड़
सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट परिसर के बाहर भारी संख्या में सपा कार्यकर्ता और मीडिया मौजूद थे। सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। भीड़ को देखते हुए पुलिस ने आजम और अब्दुल्ला को मुख्य गेट से बाहर निकालने का निर्णय बदल दिया।
पुलिस ने अंतिम समय में योजना बदलते हुए दोनों को कोर्ट परिसर के दूसरे गेट से बाहर निकालकर सुरक्षित तरीके से जेल पहुंचाया। इससे किसी भी तरह की अव्यवस्था या टकराव की स्थिति बनने से बचाव हो गया।
मामले की पृष्ठभूमि
यह पूरा मामला दो पैन कार्ड रखने के आरोप से जुड़ा है, जो कई वर्षों से जांच के दायरे में था। आरोप के अनुसार, आजम खां और अब्दुल्ला आजम के पास अलग-अलग पहचान दस्तावेजों पर आधारित दो पैन नंबर मौजूद थे, जिसे अवैध माना गया। इस संबंध में दर्ज मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई।
अब्दुल्ला आजम के खिलाफ इससे पहले भी उनकी उम्र और दस्तावेजों संबंधी विवादों को लेकर कानूनी कार्यवाही हो चुकी है, जबकि आजम खां पर विभिन्न मामलों में कई बार आरोप लगे हैं।
परिवार व पार्टी में चिंता का माहौल
आजम खां की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए पार्टी के कई नेता भी चिंतित हैं। वहीं, उनके समर्थक इसे राजनीतिक कार्रवाई बताते हुए सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हालांकि कोर्ट ने फैसला तथ्यों और कानूनी आधार पर सुनाया है।फिलहाल आजम और अब्दुल्ला दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी सुरक्षा और जेल में व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क है।
अगली सुनवाई पर टिकी निगाहें
अब सबकी नजरें मंगलवार को होने वाली अदालत की सुनवाई पर टिकी हैं। उसी दिन यह स्पष्ट होगा कि क्या दोनों को ए श्रेणी की जेल सुविधा मिलेगी और क्या उन्हें एक ही जेल में रहने की अनुमति प्राप्त होगी।
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