बोलता सच,बघौचघाट : स्थानीय थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बघौचघाट के टोला अमरपुर में शनिवार की देर शाम अचानक लगी आग ने एक परिवार को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा दिया। घटना उस समय हुई जब श्यामदेव यादव ने ठंड से बचने के लिए अपनी रिहायशी झोपड़ी के पास अलाव जलाया हुआ था। शाम करीब सात बजे के आसपास अलाव से उठी एक चिंगारी हवा के तेज झोंके के साथ झोपड़ी की छप्पर पर जा गिरी। देखते ही देखते आग ने भयानक रूप ले लिया और पूरी झोपड़ी आग की लपटों में घिर गई।
आग लगने की भनक लगते ही घर में बंधी गाय भी इसकी चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गई। झोपड़ी के आसपास अफरा-तफरी मच गई। शोर सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर दौड़े और किसी तरह झुलसी हुई गाय को बाहर निकालने में सफल हुए। ग्रामीणों के प्रयास से आग पर थोड़ी बहुत काबू पाया गया, लेकिन तब तक झोपड़ी में रखा लगभग सारा सामान जलकर राख हो चुका था।
आग में परिवार का कपड़ा, बिस्तर, घर में रखा अनाज, एक साइकिल, पंपिंग सेट, बर्तन तथा अन्य जरूरी घरेलू सामान पूरी तरह जलकर नष्ट हो गया। अचानक हुई इस घटना से परिवार पूरी तरह सदमे में है और उनके सामने रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने का संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि सामान बचाने का कोई मौका ही नहीं मिला।
घटना के बाद पूरे टोले में चिंता और बेचैनी का माहौल बना रहा। ग्रामीणों ने बताया कि सर्द मौसम में अलाव जलाना आम बात है, लेकिन इस तरह की दुर्घटना ने सभी को सतर्क रहने की जरूरत का एहसास दिलाया है। ग्रामीणों ने मिलकर पीड़ित परिवार को प्राथमिक सहायता उपलब्ध कराई, लेकिन उनके अनुसार नुकसान इतना अधिक है कि सरकारी मदद के बिना परिवार का पुनर्वास मुश्किल होगा।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता, रहने के लिए अस्थायी व्यवस्था और झुलसी हुई गाय का उपचार उपलब्ध कराया जाए। उनका कहना है कि आग से परिवार पूरी तरह बेघर हो गया है और पुनः सामान्य स्थिति में लौटने के लिए सरकारी स्तर पर त्वरित सहयोग आवश्यक है।
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