डंप डेटा से खुला बड़ा राज
जांच में सामने आया है कि डॉ. मुजम्मिल ने इस साल जनवरी 2025 में कई बार लाल किला और उसके आसपास के इलाकों की रेकी की थी। पुलिस का मानना है कि यह गतिविधि गणतंत्र दिवस पर किसी बड़ी साजिश का हिस्सा थी, क्योंकि परेड का समापन हर साल लाल किले पर ही होता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “डॉ. मुजम्मिल के मोबाइल डंप डेटा से पता चला कि वह जनवरी के पहले हफ्ते में बार-बार लाल किला इलाके में पहुंचा। यह गतिविधि किसी योजनाबद्ध हमले से पहले इलाके की सुरक्षा और मूवमेंट पैटर्न समझने के लिए की गई प्रतीत होती है।”
‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ से कनेक्शन
फरीदाबाद के ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की जांच में भी डॉ. मुजम्मिल प्रमुख संदिग्ध पाया गया है, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। जांचकर्ताओं का कहना है कि वह कई बार डॉ. उमर नबी के साथ लाल किला गया था ताकि सुरक्षा इंतजाम और भीड़ के पैटर्न का अध्ययन कर सके।
इन दोनों के मूवमेंट की पुष्टि टावर लोकेशन डेटा और सीसीटीवी फुटेज से हुई है। अब एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि क्या अन्य संदिग्धों ने भी इसी तरह की रेकी या लॉजिस्टिक सपोर्ट की भूमिका निभाई थी।
NIA को सौंपी गई जांच
सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धीरे चल रही आई20 कार में हुए धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए केस की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है।
अब एजेंसियां डंप डेटा के जरिए यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि धमाके से पहले डॉ. उमर नबी किसी और के संपर्क में था या नहीं, ताकि इस साजिश की पूरी रूपरेखा सामने लाई जा सके।
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