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बिना बेहोश किए हुई हंसली की सर्जरी: एम्स के डॉ. नीरज ने किया अनोखा शोध, राष्ट्रीय सम्मेलन में मिला तीसरा स्थान

Bolta Sach News
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clavicle surgery without anesthesia

बोलता सच/नई दिल्ली: एम्स के जूनियर रेजिडेंट डॉ. नीरज ने एक अनोखा और उपयोगी शोध कर चिकित्सा क्षेत्र में नई मिसाल पेश की है। उन्होंने ऐसा तरीका विकसित किया है, जिससे मोटापे से ग्रस्त उच्च जोखिम वाले मरीजों में हंसली (क्लैविकल) के बाहरी हिस्से के फ्रैक्चर की सर्जरी बिना बेहोश किए की जा सकती है।

डॉ. नीरज ने इस तकनीक का सफल परीक्षण भी किया है और बंगलूरू के एमएस रामैया मेडिकल कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में इस शोध पर पोस्टर प्रस्तुति दी, जहां उन्हें तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।

सर्जरी के दौरान मरीज पूरी तरह होश में रहा

उन्होंने नर्व ब्लॉक तकनीक का उपयोग करते हुए सुपीरियर ट्रंक और सुपरफिशियल सर्वाइकल प्लेक्सस ब्लॉक का इस्तेमाल किया। इस पद्धति में केवल उस हिस्से की नसों को अस्थायी रूप से सुन्न किया जाता है, जहां सर्जरी करनी होती है। इससे मरीज पूरी सर्जरी के दौरान जागा रहा, लेकिन उसे किसी भी प्रकार का दर्द महसूस नहीं हुआ।

एम्स प्रशासन ने दी बधाई

डॉ. नीरज की इस उपलब्धि पर एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता और एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार शर्मा ने उन्हें बधाई दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए सुरक्षित और प्रभावी विकल्प साबित हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके लिए जनरल एनेस्थीसिया (बेहोशी) जोखिम भरा होता है।

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