बोलता सच देवरिया : महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज के ओपीडी बिल्डिंग की पानी की टंकी में मिले शव के मामले में जांच ने नया मोड़ ले लिया है। पुलिस को मिले दस्तावेजों और सीसीटीवी फुटेज से यह स्पष्ट हुआ है कि मृतक व्यक्ति का इलाज इसी मेडिकल कॉलेज में हुआ था और उसका नाम अस्पताल के रिकॉर्ड में दर्ज है। मृतक की पहचान अशोक तांडया पुत्र रामचंद्र, निवासी मंगुरला गांव, थाना सानपड़, जिला ठाणे (महाराष्ट्र) के रूप में हुई है।
108 एंबुलेंस से लाया गया था मरीज
पुलिस जांच में सामने आया कि अशोक को 27 सितंबर को 108 नंबर एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। इमरजेंसी रजिस्टर में उसका नाम और पता दर्ज है। अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार, उसे पैर में गहरे घाव के कारण भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट किया था। आश्चर्य की बात यह है कि यही मरीज 25 सितंबर को भी 108 एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया था।
इमरजेंसी रजिस्टर में दर्ज मोबाइल नंबर फिलहाल स्विच ऑफ मिल रहा है। इसी कारण पुलिस ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को पत्र लिखकर 108 सेवा पर कॉल करने वाले व्यक्ति का ब्यौरा मांगा है। सीएमओ के निर्देश पर 108 के नोडल अफसर ने मुख्यालय से कुछ नंबर मंगाकर पुलिस को उपलब्ध कराए हैं। इन आधारों पर जांच की जा रही है।
वार्ड से गायब होने के बाद दोबारा लौटा
पुलिस के अनुसार, अशोक 27 सितंबर की सुबह वार्ड से चला गया था, लेकिन दोपहर करीब दो बजे फिर अस्पताल आया। सीसीटीवी फुटेज में उसे चेकदार लुंगी और नीली शर्ट पहने देखा गया है। यही कपड़े पानी की टंकी के पास भी मिले थे। जांच में यह भी सामने आया है कि जो लुंगी अशोक ने पहनी थी, वह मेडिकल कॉलेज की बेडशीट को फाड़कर बनाई गई थी।
इमरजेंसी के डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने मरीज का इलाज कर उसे वार्ड में भेजा था। लेकिन 27 की शाम से वह अचानक लापता हो गया।
अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई
इस घटना को प्रशासनिक चूक मानते हुए शासन ने मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य को पद से हटा दिया है। ओपीडी बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल पर सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे हैं, क्योंकि जहां पानी की टंकी स्थित है, वहां आम लोगों का पहुंचना संभव नहीं होता।
पुलिस को मिले अहम सुराग
जांच के दौरान पुलिस को कई अहम क्लू मिले हैं। पता चला कि एनएचएम कार्यालय में तैनात एक स्वास्थ्यकर्मी ने 108 पर कॉल कर मरीज को अस्पताल भेजने की व्यवस्था की थी। इसके अलावा पुरवा क्षेत्र के सुरेश यादव नामक व्यक्ति के मोबाइल से भी 108 सेवा को कॉल किया गया था।
जांच में सामने आया कि औराचौरा शर्मा ढाबे के पास सड़क किनारे अशोक नाम का व्यक्ति घायल अवस्था में पड़ा था। उसके पैर में गंभीर घाव था और वह कुछ बोल नहीं पा रहा था। उसी समय 108 एंबुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल भेजा गया था। पुलिस इन कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मृतक की अंतिम गतिविधियों का पता लगा रही है।
पोस्टमार्टम शुक्रवार को
अब तक शव की शिनाख्त आधिकारिक रूप से नहीं हो पाई है। इसलिए पुलिस ने नियम के तहत 72 घंटे इंतजार करने के बाद शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया है। पुलिस को विश्वास है कि मिले सुरागों के आधार पर वह जल्द ही घटना का खुलासा कर देगी।
सीएमओ का बयान
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारियों और कॉल डिटेल्स की जानकारी मांगी है। इस संबंध में 108 के नोडल अफसर को आवश्यक सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “पुलिस की जांच में जो भी सहायता की आवश्यकता होगी, विभाग पूरी तरह उपलब्ध कराएगा।”
पुलिस का बयान
सीओ सिटी संजय रेड्डी ने कहा कि “मेडिकल कॉलेज की टंकी में मिला शव उसी व्यक्ति का है, जिसका इलाज कॉलेज में हुआ था। हमारे पास इसके स्पष्ट साक्ष्य हैं। पानी टंकी के पास जो नीली शर्ट और चेकदार लुंगी मिली, वही कपड़े मरीज ने भर्ती होते समय पहने थे। पुलिस टीम ने सभी रिकॉर्ड खंगाले हैं और सीसीटीवी फुटेज भी कब्जे में लिया गया है। बहुत जल्द इस रहस्यमयी मौत का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।”
इस सनसनीखेज मामले ने मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस की जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है, और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह रहस्य पूरी तरह सुलझ जाएगा।
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