बोलता सच देवरिया : देवरिया में धर्मांतरण कराने के आरोप में एसएस मॉल के मालिक उस्मान गनी को जेल भेजे जाने के बाद राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी ने इस मामले को गंभीर बताते हुए विपक्षी रणनीति का हिस्सा बना लिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर गुरुवार को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल देवरिया पहुंचा।
प्रतिनिधिमंडल ने पहले सपा कार्यालय से कूच किया और सीधे उस्मान गनी के घर पहुंचा। वहां उन्होंने लगभग एक घंटे तक परिजनों से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। बातचीत के बाद लाल बिहारी यादव ने मीडिया से कहा कि अल्पसंख्यक होने के कारण उस्मान गनी को झूठे आरोपों में फंसाकर जेल भेजा गया है।
तीन तहरीरों का जिक्र
सपा नेता ने बताया कि जिस युवती ने धर्मांतरण और अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं, उसने अब तक तीन बार पुलिस को तहरीर दी है। पहली दो तहरीरों में न तो धर्मांतरण कराने की कोशिश का जिक्र था और न ही किसी सेक्स रैकेट जैसी बात थी। लेकिन तीसरी तहरीर अचानक सुनियोजित तरीके से दर्ज कराई गई और उसी आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव में की गई कार्रवाई है।
सदन में उठेगा मामला
नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि यह मुद्दा केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि अल्पसंख्यक समाज की सुरक्षा और न्याय का सवाल है। उन्होंने घोषणा की कि सपा इस मामले को सदन में जोर-शोर से उठाएगी और कानूनी लड़ाई भी मजबूती से लड़ेगी।
आरोपों पर सफाई
यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि ईजी मार्ट के मैनेजर, जिन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, वे वास्तव में उस्मान गनी के भाई हैं। लेकिन इस मामले का सीधे तौर पर एसएस मॉल मालिक उस्मान गनी से कोई लेना-देना नहीं है। जिस गुप्ता परिवार पर धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया गया है, उसकी पृष्ठभूमि की जांच में सामने आया कि वर्ष 2013 में उन्होंने पटना में स्वेच्छा से धर्मांतरण किया था।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेता
प्रतिनिधिमंडल में सपा सांसद रमाशंकर राजभर विद्यार्थी (सलेमपुर), सांसद रामभुआल निषाद (सुल्तानपुर), जिलाध्यक्ष व्यास यादव, पूर्व राज्यसभा सांसद कनकलता सिंह, पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी, पूर्व विधायक मनबोध प्रसाद, गजाला लारी, आशुतोष उपाध्याय, अनुग्रह नारायण ‘खोखा’ सिंह और सुभाष चंद्र श्रीवास्तव समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
स्थानीय स्तर पर चर्चा
उस्मान गनी की गिरफ्तारी के बाद से देवरिया में राजनीतिक हलचल बढ़ी हुई है। स्थानीय स्तर पर इस मामले को अल्पसंख्यक समुदाय से जोड़कर देखा जा रहा है। सपा नेताओं की सक्रियता ने इस मुद्दे को न सिर्फ प्रदेश, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी सुर्खियों में ला दिया है। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि अदालत और सदन में आगे यह मामला किस रूप में सामने आता है।
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