बोलता सच देवरिया, उत्तर प्रदेश।
एसएस मॉल के मालिक उस्मान अंसारी पर लगे धर्म परिवर्तन और यौन शोषण के आरोपों के मामले में नया मोड़ आ गया है। मॉल के कर्मचारियों ने आरोपों को मनगढ़ंत और झूठा बताते हुए मालिक के पक्ष में आवाज उठाई है। मंगलवार को एसएस मॉल के करीब 50 कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी दिव्या मित्तल, पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर और कोतवाल विनोद सिंह से मुलाकात की। उन्होंने मुकदमे को निराधार बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
धर्म और जाति को लेकर कभी नहीं हुआ विवाद: कर्मचारी
कर्मचारियों ने बताया कि मॉल में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के युवक-युवतियां कार्यरत हैं और अब तक कभी धर्म या जाति को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ। उनका कहना है कि मामले को झूठे आरोपों के जरिए तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
गबन का आरोपी था पूर्व हेड कैशियर शाह आलम
कर्मचारियों के अनुसार, पूर्व हेड कैशियर शाह आलम ने बिक्री रसीदों में हेराफेरी कर करीब 50 लाख रुपये का गबन किया था। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज से यह खुलासा हुआ, जिसके आधार पर 15 मार्च 2025 को शाह आलम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच में सामने आया कि शाह आलम ने मॉल की एक पूर्व महिला कर्मचारी और उसकी मां के खातों में गबन की रकम ट्रांसफर की थी।
पीड़िता के बयानों में विरोधाभास: कर्मचारी
कर्मचारियों ने बताया कि जिस युवती की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ है, उसने अदालत में दिए बयान में न तो धर्म परिवर्तन की बात स्वीकारी, न ही एसएस मॉल में नौकरी करने की बात मानी। इसके बावजूद, 7 सितंबर 2025 को कोतवाली में युवती की शिकायत पर धारा 354(ख), उत्तर प्रदेश धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
मुकदमे की निष्पक्ष जांच की मांग
कर्मचारियों ने प्रशासन से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और झूठे आरोपों में फंसाए गए मालिक को न्याय दिलाने की मांग की है।
यह मामला फिलहाल जांच के अधीन है। प्रशासन और पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी पहलुओं की जांच की बात कही है।
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