बोलता सच : ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय, अनुशासन और कर्मफल का देवता माना गया है। मान्यता है कि व्यक्ति के जीवन में मिलने वाले सुख और दुःख, दोनों में शनिदेव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि शनि अनुकूल हों तो प्रगति, समृद्धि और सफलता मिलती है, लेकिन अशुभ स्थिति में जीवन में संघर्ष, मानसिक तनाव और आर्थिक चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं।
इसी कारण शनि से जुड़ी दो विशेष अवधियाँ—साढ़ेसाती और ढैय्या—ज्योतिष में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इन अवधियों में व्यक्ति को अक्सर कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय में शनिवार को किए गए कुछ उपाय बेहद प्रभावकारी माने जाते हैं, जो जीवन में संतुलन और राहत प्रदान करते हैं।
शनिवार को सरसों का तेल: शनि शांति का प्रमुख उपाय
सरसों का तेल शनि देव को अत्यंत प्रिय माना जाता है।
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मान्यता है कि शनिवार को खाने में सरसों के तेल का उपयोग या शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करना साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है।
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यह उपाय बाधाओं को दूर कर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
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ध्यान रहे कि पूजा और सेवन दोनों में शुद्ध सरसों के तेल का ही उपयोग किया जाए।
काले तिल का उपयोग: नकारात्मकता को दूर करने वाला उपाय
काला तिल शनि का विशेष प्रिय माना गया है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि जीवन में स्थिरता और सुरक्षा बढ़ाने में भी सहायक माना जाता है।
शनिवार को काले तिल का उपयोग निम्न तरीकों से किया जा सकता है—
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पानी में काले तिल मिलाकर सेवन करना,
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तिल के लड्डू बनाकर खाना,
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अथवा काले तिल का दान करना।
कहा जाता है कि काले तिल के दान से व्यक्ति के आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
उड़द दाल का उपाय: शनि दोष को शांत करने में सहायक
ज्योतिष के अनुसार, साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान उड़द की दाल का विशेष महत्व है।
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शनिवार को उड़द दाल की खिचड़ी खाने से शनि का अशुभ प्रभाव कम होता है।
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इसके अतिरिक्त, उड़द दाल का दान करना भी अत्यधिक शुभ माना जाता है।
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यह उपाय ना केवल शनि दोष को शांत करता है, बल्कि धन-धान्य और समृद्धि में वृद्धि करने वाला माना जाता है।
काले चने का उपाय: आर्थिक स्थिति मजबूत करने वाला उपाय
शनिदेव का संबंध काले चने से भी माना गया है।
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शनिवार के दिन शनि मंदिर में काले चने अर्पित करना अथवा
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काले चने का सेवन करना दोनों ही शुभ परिणाम देते हैं।
मान्यता है कि यह उपाय जीवन में चल रही रुकावटों को दूर करता है और आर्थिक परिस्थितियों को मजबूत बनाता है।
निष्कर्ष
साढ़ेसाती और ढैय्या के समय व्यक्ति कई तरह की चुनौतियों का सामना करता है, लेकिन शनिवार को किये गए सरल और सहज उपाय शनि के दोषों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरसों का तेल, काला तिल, उड़द दाल और काले चने जैसे खाद्य पदार्थों का उपयोग न केवल धार्मिक दृष्टि से शुभ है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी राहत प्रदान करने वाला माना जाता है।
इन उपायों को श्रद्धा और संयम के साथ करने पर शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगते हैं।
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