बोलता सच : लखीमपुर खीरी जिले के धौरहरा तहसील क्षेत्र के अमेठी ग्राम पंचायत में चकबंदी के दौरान किसानों की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। आरोप है कि कुछ लोगों ने रातों-रात किसानों की खेती योग्य जमीन पर झोपड़ियां डाल लीं और उन पर भाजपा का झंडा लगा दिया। किसानों का कहना है कि वे प्रशासनिक दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक कब्जा नहीं हटाया गया है।
चकबंदी के बीच किसानों की जमीन पर कब्जा
अमेठी ग्राम पंचायत में इस समय चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच गाटा संख्या 1398 और 1865 की भूमि पर कब्जा कर लिया गया। यह भूमि धौरहरा कस्बा निवासी फरीद खान, वहीद खान, हमीद खान, रशीद खान, जमशेद खान, गुलशीद खान, नवीन खान (पुत्रगण सईद खान) और मुमताज बेगम (पत्नी सईद खान) की संयुक्त स्वामित्व वाली है।
किसानों ने बताया कि 12 अक्तूबर को अमेठी गांव के नामदार खां पुरवा मजरा निवासी सतीष, अशोक, जयप्रकाश, विनोद, राकेश, मुन्ना लाल, रमेश, विश्राम, गयारे, रामभजन, बृजमोहन, खुशीराम और छत्रपाल आदि ने उनकी लगभग दो एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया। कब्जाधारियों ने पहले खेत में खड़ी मूंगफली की फसल को नष्ट कर दिया, फिर झोपड़ियां डाल दीं।
झोपड़ियों पर भाजपा का झंडा लगाकर बनाया दबाव
पीड़ित किसानों ने बताया कि जब उन्होंने कब्जे का विरोध किया तो आरोपियों ने गाली-गलौज और मारपीट की धमकी दी। इसके बाद झोपड़ियों पर भाजपा के झंडे लगा दिए, ताकि प्रशासनिक कार्रवाई पर राजनीतिक दबाव बनाया जा सके। आरोपियों ने झोपड़ियों में मवेशी बांधना भी शुरू कर दिया है।
किसानों की गुहार और प्रशासनिक कार्रवाई
पीड़ित किसानों ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल, एसडीएम शशिकांत मणि, और चकबंदी अधिकारी से की है। किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन को कई बार सूचित करने के बावजूद अब तक जमीन से कब्जा नहीं हटाया गया।
एसडीएम धौरहरा शशिकांत मणि ने बताया कि शिकायत प्राप्त होने पर राजस्व और पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया था। दोनों पक्षों के दस्तावेज मांगे गए हैं, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। उन्होंने कहा —
“पर्याप्त पुलिस बल के साथ मौके पर जाकर अवैध कब्जा हटाया जाएगा। कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।”
विधायक बोले — “जिसकी भूमि है, उसे न्याय मिलेगा”
धौरहरा क्षेत्र के विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने कहा कि यदि किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है, तो यह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा —
“प्रशासन दोनों पक्षों की बात सुनकर जिसकी भूमि है, उसे दिलाएगा। जहां तक पार्टी के झंडे लगाने की बात है, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है।”
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