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विजयदशमी पर गोरखनाथ मंदिर से निकली पारंपरिक विजय शोभायात्रा, सर्वसमाज ने किया स्वागत

Bolta Sach News
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Gorakhnath Temple on Vijayadashami

बोलता सच देवरिया : सत्य, न्याय और धर्म की विजय का प्रतीक महापर्व विजयदशमी पर गुरुवार शाम गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारंपरिक विजय शोभायात्रा निकली। इस भव्य शोभायात्रा ने जहां धार्मिक आस्था और उमंग की लहर पैदा की, वहीं सर्वसमाज की सहभागिता ने सामाजिक समरसता और एकता का सशक्त संदेश दिया।

महंत योगी ने की अगुवाई

नाथ संप्रदाय की प्राचीन परंपरा के अंतर्गत हर वर्ष विजयदशमी पर गोरक्षपीठाधीश्वर द्वारा शोभायात्रा निकाली जाती है। इस वर्ष भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिवावतार गुरु गोरखनाथ का पूजन कर और आशीर्वाद लेकर रथ रूपी विशेष वाहन में सवार होकर शोभायात्रा की शुरुआत की। महंत के पारंपरिक परिधान में योगी आदित्यनाथ का दर्शन करने को लोग आतुर दिखे। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे।

विशेष वाद्ययंत्र नागफनी, तुरही, नगाड़े, डमरू और बैंड-बाजों की गूंज से वातावरण गूंज उठा। श्रीश्री हनुमान दल के बालकों ने करतब दिखाए तो संस्कृति विभाग के दलों ने विभिन्न स्थानों पर लोकनृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से शोभायात्रा का स्वागत किया।

अल्पसंख्यक समाज का गर्मजोशी से स्वागत

इस शोभायात्रा की सबसे बड़ी खासियत रही कि मुस्लिम और सिंधी समाज सहित सर्वसमाज के लोगों ने गोरक्षपीठाधीश्वर का गर्मजोशी से स्वागत किया। रास्ते में बुनकर और पसमांदा समाज के लोगों ने पुष्पवर्षा की। उर्दू अकादमी के पूर्व अध्यक्ष चौधरी कैफुलवरा ने माल्यार्पण कर महंत का अभिनंदन किया। योगी आदित्यनाथ ने उन्हें नवरात्र अनुष्ठान का प्रसाद दिया, जिसे लोगों ने माथे से लगाकर आशीर्वाद के रूप में ग्रहण किया।

कैफुलवरा ने कहा कि उनका परिवार पीढ़ियों से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा का स्वागत करता आ रहा है। उन्होंने बताया कि गोरक्षपीठ हमेशा मत-मजहब के भेद से ऊपर उठकर मानवता का दृष्टिकोण अपनाती है।

सिंधी समाज का भी हुआ अभिनंदन

थोड़ी दूर आगे सिंधी समाज के लोगों ने श्री झूलेलाल मंदिर के सामने शोभायात्रा का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान दोनों ओर की गलियों, मकानों और छतों पर बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे मौजूद रहे। कई लोग मोबाइल फोन से तस्वीरें और वीडियो बनाते नजर आए, जिनमें बड़ी संख्या अल्पसंख्यक समाज के लोगों की रही।

महादेव पूजन और श्रीराम का राजतिलक

शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंची तो वहां गोरक्षपीठाधीश्वर ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान शिव सहित अन्य देवताओं का पूजन और अभिषेक किया। इसके बाद शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंची, जहां रामलीला मंचन चल रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभु श्रीराम का राजतिलक किया और माता सीता, लक्ष्मण व हनुमानजी की आरती उतारी।

गगनभेदी नारों से गूंजा माहौल

पूरे मार्ग में “जय श्रीराम” के गगनभेदी नारों और वाद्ययंत्रों की धुन ने वातावरण को धार्मिक उत्साह से भर दिया। श्रद्धालु गोरक्षपीठाधीश्वर के दर्शन के लिए उत्साहित दिखे। गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर रामलीला मैदान तक का पूरा रास्ता श्रद्धा और भक्ति के रंग में डूबा नजर आया।

सामाजिक समरसता का संदेश

गोरक्षपीठ की इस परंपरा ने एक बार फिर यह साबित किया कि विजयदशमी केवल धर्म की विजय का पर्व नहीं है, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। शोभायात्रा में अल्पसंख्यक समाज और सिंधी समाज की सहभागिता ने तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों को जवाब देते हुए यह संदेश दिया कि गोरक्षपीठ सबको समान दृष्टि से देखती है। गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर रामलीला मैदान तक स्वागत और श्रद्धा का यह अद्भुत नजारा देर तक लोगों की जुबान पर रहा।


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