बोलता सच : कानपुर में पहलगाम आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाले शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी का दर्द एक बार फिर उभर आया है। इकलौते बेटे को खोने के बाद वे उसकी बची हुई स्मृतियों को देखकर समय बिताते हैं, लेकिन पैतृक गांव हाथीपुर में उसकी याद में बने स्मृति द्वार को लेकर परिजन असंतुष्ट हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की निधि से लगभग 11 लाख रुपये की लागत से यह स्मृति द्वार तैयार हुआ है। परिजनों का कहना है कि इस पर ‘स्वर्गीय शुभम द्विवेदी’ लिखा हुआ है, जो उनके लिए बेहद पीड़ादायक है।
पिता संजय द्विवेदी और चाचा ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज द्विवेदी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहलगाम में शहीद स्थल का निर्माण कराया है, जहाँ सभी 26 शहीदों की स्मृति शेष बनाई गई है। इसी तरह बाइसन घाटी में भी शहीद स्थल तैयार हो रहा है, जिसमें सभी के चित्र लगाए जाएंगे और उस स्थान को शहीद स्थल का नाम दिया गया है।
इसी आधार पर परिजन चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार भी स्मृति द्वार पर ‘शहीद शुभम द्विवेदी’ लिखवाए। परिजनों के साथ क्षेत्रीय जनता ने भी यह मांग उठाई है कि स्मृति द्वार पर शहीद शब्द जोड़ना चाहिए, ताकि लोगों को पता चल सके कि उन 26 शहीदों में उत्तर प्रदेश का एक लाल भी शामिल था।
पिता संजय द्विवेदी ने बताया कि वे जल्द ही विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मिलकर ज्ञापन देंगे और यह मांग रखेंगे कि स्मृति द्वार पर ‘शहीद’ शब्द जोड़ा जाए, जिससे उन्हें शांति मिले।
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