बोलता सच देवरिया ,सलेमपुर। मझौली मोड़ स्थित सृष्टि हेल्थ केयर अस्पताल में एक सप्ताह पूर्व हुई नवजात की मौत के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। सीएचसी अधीक्षक द्वारा अवैध संचालन के आरोप में सील किए गए अस्पताल को शुक्रवार को दोबारा खोले जाने की सूचना मिली है।
कैसे हुआ विवाद की शुरुआत
निजामाबाद गांव की निवासी अजमेरी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने इसी अस्पताल में भर्ती कराया था। सामान्य प्रसव के बाद अस्पताल संचालक ने नवजात की हालत गंभीर बताते हुए उसे रेफर कर दिया। दुर्भाग्यवश, दूसरे अस्पताल में उपचार के दौरान शिशु की मौत हो गई। इसके ठीक अगले दिन हिछौरा लाला गांव की पूजा देवी को आशा कार्यकर्ता की मदद से यहां भर्ती कराया गया। उनका ऑपरेशन भी यहीं किया गया, लेकिन चिकित्सक ने नवजात की गंभीर स्थिति का कारण “गंदा पानी पीना” बताते हुए मां-बच्चे दोनों को गोरखपुर रेफर कर दिया।
कार्रवाई और जांच
लगातार दो मामलों की शिकायतें सामने आने पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. अतुल कुमार ने 12 सितंबर को जांच की। जांच के दौरान अस्पताल के पास आवश्यक दस्तावेज और मान्यता पत्र नहीं पाए गए। परिणामस्वरूप, अस्पताल को अवैध घोषित कर सील कर दिया गया।
इसके बाद सीएमओ डॉ. अनील कुमार गुप्ता ने एक टीम गठित की, जो पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कर रही है। टीम को यह पता लगाना है कि अस्पताल बिना अनुमति कैसे संचालित हो रहा था और नवजात की मौत में कहीं लापरवाही तो नहीं बरती गई।
दोबारा खुलने पर उठे सवाल
हालांकि अब नया विवाद तब खड़ा हो गया जब शुक्रवार को स्थानीय स्तर पर अस्पताल के फिर से खुलने की खबर आई। सीएचसी अधीक्षक ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें अस्पताल खुलने की सूचना मिली है और इस संबंध में जांच की जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने अस्पताल सील कर दिया था तो उसके दोबारा खुलने की अनुमति किसने दी, यह स्पष्ट होना जरूरी है। वहीं परिजनों और ग्रामीणों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या ऐसे अस्पतालों पर प्रशासनिक कार्रवाई केवल औपचारिकता भर है।
आगे की कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, मामला और गहराता दिख रहा है क्योंकि एक ओर अस्पताल को अवैध घोषित कर सील किया गया था, वहीं दूसरी ओर उसके दोबारा संचालन की खबर ने पूरे प्रकरण को संदेहास्पद बना दिया है।
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1 thought on “नवजात मौत मामले में नया मोड़, सील होने के बावजूद फिर से खुला अस्पताल”