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भारत ने रचा इतिहास: पहली बार महिला वनडे विश्व कप चैंपियन बनी टीम इंडिया

Bolta Sach News
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India created history first

बोलता सच : भारत की महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया है। महिला वनडे विश्व कप 2025 के फाइनल में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार विश्व खिताब अपने नाम किया। यह उपलब्धि न सिर्फ भारतीय क्रिकेट के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है, क्योंकि 52 साल के महिला वनडे वर्ल्ड कप इतिहास में यह भारत का पहला खिताब है।

इस जीत के साथ महिला क्रिकेट में इनामी राशि का भी नया रिकॉर्ड बना है। आईसीसी ने टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले ही घोषणा की थी कि इस बार विजेता टीम को अब तक की सबसे बड़ी इनामी राशि दी जाएगी — और वादा पूरा हुआ। भारतीय टीम को 4.48 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब ₹39.55 करोड़) की धनराशि मिली।

दिलचस्प बात यह है कि यह इनामी राशि 2023 के पुरुष वनडे विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलिया (₹33.31 करोड़) से भी ज्यादा है। यह कदम महिला क्रिकेट की आर्थिक और सामाजिक समानता की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है।


इनामी राशि में चार गुना वृद्धि

2022 में न्यूजीलैंड में हुए पिछले महिला विश्व कप में विजेता टीम को केवल $1.32 मिलियन (₹11.65 करोड़) मिले थे, जबकि इस बार प्राइज मनी को चार गुना बढ़ाया गया। कुल इनामी राशि $13.88 मिलियन (₹122.5 करोड़) रखी गई, जो अब तक की सबसे अधिक है।

श्रेणी इनामी राशि (USD) भारतीय रुपये में अनुमानित राशि
विजेता (भारत) 4.48 मिलियन ₹39.55 करोड़
उपविजेता (द. अफ्रीका) 2.24 मिलियन ₹19.77 करोड़
सेमीफाइनल हारने वाली टीमें 1.12 मिलियन प्रत्येक ₹9.89 करोड़
ग्रुप स्टेज जीत 34,314 प्रति मैच ₹30.29 लाख

भारत और श्रीलंका ने की मेजबानी

यह 13वां महिला वनडे विश्व कप भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में हुआ। मैच गुवाहाटी, इंदौर, नवी मुंबई, विशाखापट्टनम और कोलंबो में खेले गए।


जय शाह ने कहा — ‘यह महिला क्रिकेट की नई सुबह है’

आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने कहा, “यह घोषणा महिला क्रिकेट की यात्रा में ऐतिहासिक पड़ाव है। इनामी राशि में चार गुना वृद्धि हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि महिला खिलाड़ियों को पुरुषों के बराबर सम्मान और अवसर मिलें।”


मंधाना से रेणुका तक — मेहनत, जज्बे और हिम्मत की जीत

टीम इंडिया की यह सफलता मेहनत, जज्बे और विश्वास की मिसाल है। स्मृति मंधाना की चमक, रेणुका ठाकुर की रफ्तार, और हर खिलाड़ी के संघर्ष ने मिलकर भारत को पहली बार विश्व की सर्वोच्च चोटी पर पहुंचाया। करोड़ों भारतीयों के सपने को साकार करने वाली यह जीत आने वाली पीढ़ी की महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन गई है।


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