बोलता सच , देवरिया। महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कुलगांव निवासी अशोक गवांडे (61) की हत्या कर उनकी लाश मेडिकल कॉलेज की पानी की टंकी में फेंके जाने के मामले में पुलिस जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। पुलिस को वारदात में शामिल संदिग्धों के बारे में अहम सुराग मिले हैं और अब पुख्ता साक्ष्य जुटाने पर जोर दिया जा रहा है।
पुलिस की तीन टीमें लगातार जांच में जुटी हैं। उन्होंने 25 से 28 सितंबर के बीच मेडिकल कॉलेज के सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीजों की सूची प्राप्त की है। अब कोतवाली पुलिस इन मरीजों के घर जाकर अशोक गवांडे से संबंधित जानकारी एकत्र कर रही है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने वारदात में शामिल कुछ लोगों की पहचान कर ली है, हालांकि जांच को प्रभावित न करने के लिए अधिकारी फिलहाल आधिकारिक पुष्टि से बच रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, अशोक गवांडे 13 साल बाद 22 सितंबर को अपने ससुराल गोरखपुर के हुमायूं नगर दक्षिणी निवासी साले प्रफुल्ल के घर पहुंचे थे। वहां कुछ समय रुकने के बाद उन्होंने मुंबई जाने के लिए 1200 रुपये मांगे। प्रफुल्ल ने उन्हें टेंपो से रेलवे स्टेशन भेजा, लेकिन वे मुंबई न जाकर देवरिया पहुंच गए।
25 सितंबर को अशोक पैर में गंभीर घाव के इलाज के लिए देवरिया मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती हुए। उन्हें सर्जिकल वार्ड में रखा गया, लेकिन 27 सितंबर की सुबह बिना बताए वार्ड से गायब हो गए। उसी दिन दोपहर करीब दो बजे वे दोबारा भर्ती हुए और रात में फिर लापता हो गए।
अगले दिन, 28 सितंबर को जब डॉक्टर राउंड पर पहुंचे तो अशोक अपने 41 नंबर बेड पर नहीं मिले। कई दिनों की खोजबीन के बाद 6 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित पानी की टंकी में उनकी लाश मिली। बाद में शव की पहचान उनकी पत्नी अनीता उर्फ तनु और साले प्रफुल्ल ने की।
साले प्रफुल्ल की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने अब तक वार्ड में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों और दाई से पूछताछ की है। जांच में कई अहम कड़ियां जुड़ चुकी हैं और पुलिस को जल्द ही हत्या का पर्दाफाश करने की उम्मीद है।
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