बोलता सच : मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना सोमवार को चार दिवसीय भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। यह यात्रा भारत और मंगोलिया के बीच बढ़ते रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को नई दिशा देने के रूप में देखी जा रही है। राष्ट्रपति उखना का भारत दौरा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग, आर्थिक साझेदारी, और आध्यात्मिक संबंधों को और मजबूत करने का अवसर माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति उखना के आगमन पर नागरिक उड्डयन और सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने दिल्ली हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह उनकी भारत की पहली राजकीय यात्रा है, जिसे भारत-मंगोलिया संबंधों के गहराने के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति उखना की मुलाकात आज
राष्ट्रपति उखना मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से औपचारिक मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में शिखर वार्ता करेंगे। दोनों नेता व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, संस्कृति और खनिज संसाधन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
बैठक से पहले राष्ट्रपति उखना मंगलवार सुबह राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। यह मंगोलिया की उस “आध्यात्मिक निकटता” को दर्शाता है, जो बौद्ध धर्म और साझा सांस्कृतिक विरासत के माध्यम से दोनों देशों को जोड़ती है।
विदेश मंत्री जयशंकर से हुई मुलाकात
राष्ट्रपति उखना की आगमन के तुरंत बाद सोमवार शाम विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उनसे मुलाकात की। जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा,
“मंगोलिया के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान उनसे मिलना सम्मान की बात है। आध्यात्मिक पड़ोसियों और वैश्विक दक्षिण के साझेदारों के रूप में हमारी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के उनके विचार सराहनीय हैं।”
जयशंकर ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति उखना और प्रधानमंत्री मोदी के बीच होने वाली वार्ता दोनों देशों की दोस्ती के अगले दशक के लिए दूरदर्शी दिशा तय करेगी।
अन्य नेताओं से भी करेंगे भेंट
अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति उखना की मुलाकात उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से भी होगी। इन बैठकों में विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग और निवेश के नए अवसरों पर चर्चा होगी।
भारत-मंगोलिया संबंधों की पृष्ठभूमि
भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना 1955 में हुई थी। दोनों देश बौद्ध सांस्कृतिक विरासत, लोकतांत्रिक मूल्यों, और शांति के प्रति प्रतिबद्धता के कारण एक-दूसरे के “आध्यात्मिक पड़ोसी” माने जाते हैं। 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की मंगोलिया यात्रा के बाद से दोनों देशों के संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
भारत मंगोलिया में तेल रिफाइनरी परियोजना, शिक्षा सहयोग, और रक्षा प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वहीं मंगोलिया भारत को खनिज संसाधन और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना की यह यात्रा भारत-मंगोलिया संबंधों के लिए एक नया अध्याय खोल सकती है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बैठक से दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को नई गति मिलने की उम्मीद है। यह दौरा भारत की एक्ट ईस्ट नीति और वैश्विक दक्षिण के साझेदारी दृष्टिकोण के तहत भी अहम माना जा रहा है।
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