बोलता सच : देवरिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव सुमन इन दिनों अपने बेबाक बयान के कारण चर्चा में हैं। मणिनाथ इंटर कॉलेज में आयोजित बाबा मणिनाथ ब्रह्म की 56वीं जयंती पर पहुंचे एसपी ने फिल्मों के नकारात्मक किरदारों का उदाहरण देकर युवाओं को प्रेरित किया। उनका संबोधन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।
कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आजकल फिल्मों में नकारात्मक किरदारों को हीरो बनाकर प्रस्तुत करने की प्रवृत्ति बढ़ गई है, जिसका असर सीधे युवाओं पर पड़ रहा है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा—“फिल्म में ‘पुष्पा झुकेगा नहीं’… लेकिन अगर असली जिंदगी में हमें ऐसा ‘पुष्पा’ या ‘रॉकी भाई’ जैसा कोई मिल जाए, तो हम पुलिसवाले उसे लाठी से पीट-पीटकर ठीक कर देंगे।” उनके इस बयान पर तालियां भी बजीं और छात्र-छात्राएं मुस्कुराने लगे।
फिल्मों के नकारात्मक प्रभाव पर चिंता
एसपी संजीव सुमन ने कहा कि आज मीडिया फिल्मी किरदारों का नकारात्मक पक्ष भुलाकर उन्हें हीरो की तरह पेश करता है। परिणामस्वरूप युवा पढ़ने-लिखने वाले सकारात्मक किरदारों को नहीं, बल्कि हिंसा, शराब, सिगरेट और गुंडई करने वालों को ही आदर्श मानने लगे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा बदलाव समाज और परिवार दोनों के लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने फिल्म ‘पुष्पा’ और ‘KGF’ का उदाहरण देते हुए कहा कि फिल्मकार अक्सर नेगेटिव रोल को ग्लैमराइज करते हैं, जिससे युवा भ्रमित होते हैं। उन्होंने उपस्थित बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा, “सिनेमा, सिनेमा होता है। असल जिंदगी उससे बिल्कुल अलग होती है। इसलिए जीवन में अध्यात्म, अनुशासन और सकारात्मक सोच को अपनाना चाहिए।”
कौन हैं आईपीएस संजीव सुमन?
एसपी संजीव सुमन का जीवन संघर्ष और प्रेरणा का संगम है। उनका जन्म 30 नवंबर 1986 को बिहार के खगड़िया जिले में हुआ। साधारण परिवार से आने वाले संजीव ने शुरू से ही पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया और कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के लिए आईआईटी रुड़की में चयनित हुए।
आईआईटी जैसी प्रतिष्ठित संस्था से ग्रेजुएशन के बाद उन्हें प्राइवेट सेक्टर में हाई पैकेज वाली नौकरियों के प्रस्ताव मिले। कुछ समय तक नौकरी करने के बावजूद उनका सपना सिविल सेवा में जाना था। उन्होंने नौकरी के साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू की। शुरुआती असफलताओं के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अंततः वर्ष 2014 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित हुए।
पत्नी भी आईपीएस अधिकारी
संजीव सुमन की पत्नी पूजा यादव भी 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूलतः राजस्थान कैडर की अधिकारी थीं और 2018 में पति के साथ रहने के लिए उनका स्थानांतरण यूपी कैडर में कर दिया गया। दोनों अधिकारी अपनी सख्त और न्यायपूर्ण कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं।
कड़े अनुशासन और सख्त छवि के लिए मशहूर
2016 में बागपत में एएसपी के रूप में पहली तैनाती के दौरान ही संजीव सुमन अपने अनुशासन के लिए चर्चा में आए। 2018 में कानपुर और 2019 में बागपत के एसपी रहते हुए उन्होंने कई बड़े अपराधियों पर कार्रवाई की और कई सफल ऑपरेशन्स किए।
लखनऊ में डीएसपी पूर्व रहते हुए कोरोना काल में उन्होंने नियमों का कड़ाई से पालन करवाया। यहां तक कि कुछ सिपाहियों ने शादी के दौरान कोविड गाइडलाइंस तोड़ीं तो उन्होंने उन्हें 5 किलोमीटर दौड़ने की सजा देकर सभी को अनुशासन का संदेश दिया।
संवेदनशील मामलों में निष्पक्ष भूमिका
2021 में लखीमपुर खीरी में एसपी रहते हुए दो दलित बहनों की रेप-मर्डर केस की जांच में उनकी निष्पक्ष और तेज़ कार्रवाई ने व्यापक प्रशंसा पाई। इसके बाद उन्हें मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ जैसे महत्वपूर्ण जिलों में एसएसपी नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने साम्प्रदायिक तनाव और मॉब लिंचिंग के मामलों में बिना किसी दबाव के कार्रवाई की।
अलीगढ़ में हिंदू महासभा के प्रदर्शन पर की गई सख्ती ने भी उन्हें सुर्खियों में ला दिया। उनकी छवि एक सख्त लेकिन न्यायप्रिय अधिकारी की बनी है।
परिवार को दी अपनी सफलता का श्रेय
हालांकि उन्होंने अपनी निजी जीवन के बारे में अधिक खुलासा नहीं किया, लेकिन इंटरव्यूज़ में वे हमेशा कहते हैं कि उनका परिवार उनकी सबसे बड़ी शक्ति है। परिवार का सहयोग ही उन्हें कठिन ड्यूटी घंटों के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। छोटे से जिले खगड़िया से निकलकर यूपी के बड़े जिलों तक पहुंचना उनके परिवार की मेहनत और उनके दृढ़ संकल्प का परिणाम है।
इसको भी पढ़ें : नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप में तीन माह बाद प्रधानाचार्य पर पॉक्सो केस दर्ज
➤ You May Also Like




























































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































5 thoughts on “फिल्मी डायलॉग के जरिए मोटिवेशन: देवरिया एसपी संजीव सुमन बोले—“पुष्पा झुकेगा नहीं… पर ऐसा मिला तो पुलिस झुका देगी””