बोलता सच/मॉस्को/नई दिल्ली। रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर एक बार फिर दुनिया के सामने अपनी सख्त और स्पष्ट नीति रखी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसके प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनानी चाहिए। उन्होंने दो टूक कहा कि आतंकवाद के किसी भी स्वरूप या किसी भी स्तर पर न तो कोई बहाना स्वीकार्य है और न ही किसी प्रकार की लीपापोती सहन की जाएगी।
आतंकवाद पर भारत की दो-टूक—‘न कोई बहाना, न कोई छुपाव’
जयशंकर ने अपने भाषण में बिना किसी लाग-लपेट के कहा कि दुनिया को यह समझना होगा कि आतंकवाद को किसी भी सूरत में उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे वह सीमा पार से होने वाला आतंकवाद हो, कट्टरपंथी संगठनों की गतिविधियां हों, या फिर किसी भी देश की ओर से चुपचाप दिया जाने वाला समर्थन—हर रूप में आतंकवाद को उजागर करना और उसके खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है।
उन्होंने कहा, “आतंकवाद को न तो उचित ठहराया जा सकता है, न उसे नजरअंदाज किया जा सकता है और न ही उसे छुपाया जा सकता है। आतंकवाद का मुकाबला वैश्विक प्राथमिकता होना चाहिए और इसमें किसी तरह की सहिष्णुता या समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है।”
भारत को अपने नागरिकों की रक्षा का अधिकार
विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट रूप से कहा कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपने नागरिकों और अपने हितों की रक्षा करने का पूर्ण अधिकार है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा आतंकवाद का खामियाजा भुगतता आया है और आतंकवादी गतिविधियों से देश की सुरक्षा, विकास और सामाजिक सौहार्द पर खतरा पैदा हुआ है। इसलिए भारत बिना किसी हिचकिचाहट के अपने सुरक्षा उपायों को मजबूत रखेगा और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगा।
जयशंकर ने कहा, “भारत अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार रखता है और इस अधिकार का प्रयोग किया जाएगा। हम आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक और सख्त कार्रवाई के पक्षधर हैं।”
एससीओ देशों से सामूहिक लड़ाई की अपील
अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने SCO सदस्य देशों से यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तब तक प्रभावी नहीं हो सकती जब तक सभी देश एक साथ, ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ इस खतरे का मुकाबला न करें। उन्होंने सुझाव दिया कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले नेटवर्क, वित्तपोषण के स्रोत, और आतंकवादी गतिविधियों को शह देने वाली नीतियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का शांति, स्थिरता और विकास तभी संभव है जब आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने का संकल्प अपनाया जाए।
तीन दिवसीय रूस यात्रा—बैठकों की श्रृंखला जारी
गौरतलब है कि एस. जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर रूस पहुंचे हैं, जहां वे SCO के राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब अगले महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर आ सकते हैं। इस वजह से दोनों देशों के बीच कई उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय बैठकों का भी कार्यक्रम तय है।
मॉस्को में इस शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने आतंकवाद को प्रमुख मुद्दा बनाया है और यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि SCO की सामूहिक सुरक्षा प्रणाली में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई प्राथमिकता बने।
भारत की वैश्विक नीति का मजबूत संदेश
SCO मंच पर भारत द्वारा आतंकवाद पर दिया गया यह मजबूत बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह पुनः याद दिलाता है कि भारत इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं करेगा। यह संदेश न केवल आतंकवाद को शह देने वाले तत्वों के लिए चेतावनी है, बल्कि उन देशों के लिए भी संकेत है जो किसी राजनीतिक या रणनीतिक कारणों से इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाने से बचते रहे हैं।
इस प्रकार, मॉस्को में जयशंकर का भाषण न सिर्फ भारत की सुरक्षा नीति को मजबूत रूप से प्रस्तुत करता है, बल्कि वैश्विक समुदाय से भी यह अपेक्षा करता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि ठोस कदम उठाए जाएं।
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