बोलता सच : आज के समय में वजन बढ़ना एक आम समस्या बन चुकी है। गलत खानपान, बैठे-बैठे काम करने की आदत और अनियमित दिनचर्या हमारे मोटापे को बढ़ाते हैं। मोटापा केवल शरीर का आकार ही नहीं बिगाड़ता, बल्कि कई गंभीर बीमारियों की जड़ भी बन सकता है। डॉक्टरों के अनुसार मोटापा शुगर, थायराइड, हाई बीपी जैसी समस्याओं के साथ-साथ पेट के कैंसर (स्टमक कैंसर) का खतरा भी बढ़ा सकता है।
कैसे बढ़ता है मोटापे से कैंसर का खतरा?
रिसर्च के मुताबिक, पेट के आसपास जमी चर्बी शरीर में सूजन बढ़ाती है। यह सूजन पेट की कोशिकाओं को प्रभावित करती है और उनमें ऐसे बदलाव आने लगते हैं, जिनसे कैंसर कोशिकाएं बनने का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि हर मोटा व्यक्ति कैंसर का शिकार होगा — लेकिन यह एक महत्वपूर्ण रिस्क फैक्टर जरूर है।
अच्छी बात यह है कि जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
पेट की चर्बी क्यों है खतरनाक?
पेट पर दिखने वाली चर्बी जितनी खतरनाक है, उससे कई गुना अधिक नुकसान पहुंचाती है पेट के अंदर जमा चर्बी (विसरल फैट)। यह चर्बी:
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पेट, लीवर और आंतों को घेर लेती है
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सूजन बढ़ाने वाले तत्व छोड़ती है
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इंसुलिन स्तर को प्रभावित करती है
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पाचन कमजोर करती है
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कैंसर का जोखिम बढ़ाती है
मोटापा और पाचन तंत्र पर असर
मोटापा बढ़ने पर पाचन तंत्र सीधे प्रभावित होता है:
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खाना देर से पचता है
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एसिडिटी और गैस की समस्या बार-बार होती है
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लगातार एसिडिटी से पेट की दीवार पर घाव बन सकते हैं
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लंबे समय तक ऐसा रहने से कोशिकाएं खराब हो सकती हैं
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आंतों के अच्छे बैक्टीरिया भी प्रभावित होते हैं
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इम्यूनिटी कमजोर होती है
यह सारी स्थितियां पेट के कैंसर का जोखिम बढ़ा देती हैं।
किन लोगों में स्टमक कैंसर का जोखिम अधिक?
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जिनकी कमर तेजी से बढ़ रही है
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जिन्हें रोज एसिडिटी या जलन होती है
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बहुत ज्यादा तला-भुना, मसालेदार खाना खाने वाले
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शराब और स्मोकिंग करने वाले
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जिनके परिवार में पहले कैंसर की हिस्ट्री रही हो
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जिनकी डाइट में फाइबर कम हो
वजन कम करें, खतरा घटाएं
डॉक्टरों की मानें तो थोड़ा भी वजन कम करने पर स्टमक कैंसर का खतरा काफी घट जाता है। इसके लिए:
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रोज 20–30 मिनट की वॉक करें
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मसालेदार, तला-भुना खाना कम खाएं
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चीनी और पैकेज्ड फूड से दूरी रखें
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भरपूर पानी पिएं
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रात का खाना हल्का और जल्दी खाएं
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पर्याप्त नींद लें
डाइट और लाइफस्टाइल में सुधार
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रोज दही, छाछ या फर्मेंटेड फूड खाएं
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ज्यादा नमक, अचार और प्रोसेस्ड मीट से बचें
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धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें
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शराब को सीमित मात्रा में लें
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तनाव कम करें — योग और मेडिटेशन अपनाएं
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या उपचार के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
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