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पटना: दरोगा और सिपाही भर्ती की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का पैदल मार्च, पुलिस ने किया लाठीचार्ज

Bolta Sach News
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Patna Sub-Inspector and Constable Recruitment
बोलता सच पटना: राज्य में लंबित दरोगा और सिपाही भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की मांग को लेकर शनिवार को सैकड़ों अभ्यर्थियों ने पटना कॉलेज से मुख्यमंत्री आवास की ओर पैदल मार्च निकाला। लेकिन डाक बंगला चौराहा पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। पुलिस ने अभ्यर्थियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे आगे बढ़ने पर अड़े रहे। इस दौरान कुछ अभ्यर्थी कोतवाली थाना के पास तक पहुंच गए, जहां पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोका।

कोतवाली के पास लाठीचार्ज, कई घायल
कोतवाली क्षेत्र में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ने पर लाठीचार्ज किया गया। पुलिसकर्मियों ने कई अभ्यर्थियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक महिला अभ्यर्थी का पैर टूट गया, जबकि कई अन्य प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि
“हमारी आवाज को दबाया जा रहा है। लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। सरकार को हमारी बात सुननी ही होगी।”

शिक्षक रोशन आनंद को हिरासत में लेने पर बढ़ा आक्रोश
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे शिक्षक रोशन आनंद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इससे गुस्साए अभ्यर्थियों ने पुलिस की गाड़ी को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ते देख, पुलिस को शिक्षक रोशन आनंद को मौके पर ही छोड़ना पड़ा।

छात्र नेताओं ने उठाए सवाल
छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा:

“बिहार में पिछले दो साल से दरोगा बहाली नहीं हुई है। जल्द ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिससे नई भर्तियों की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि किस प्रश्न का कौन-सा उत्तर सही माना गया और कितने अंक किसे मिले हैं।
“हम पारदर्शी, निष्पक्ष और समयबद्ध सिपाही भर्ती प्रक्रिया की मांग करते हैं। लाखों बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

मुख्य मांगें:
  • दरोगा भर्ती की तत्काल विज्ञप्ति जारी की जाए
  • सिपाही भर्ती प्रक्रिया को तेजी और पारदर्शिता से पूरा किया जाए
  • आयोग द्वारा उत्तर कुंजी और अंक सार्वजनिक किए जाएं
  • प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल प्रयोग न करे, अभ्यर्थियों की शांति से सुनी जाए मांगें

स्थिति नियंत्रण में, लेकिन तनाव बरकरार
पुलिस और प्रशासन की ओर से स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है, लेकिन अभ्यर्थियों के बीच असंतोष अभी भी बना हुआ है। माना जा रहा है कि यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन और तेज हो सकता है।

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