बोलता सच : देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सरकार की उस योजना का समर्थन करता है जिसमें अधिक सरकारी बैंकों के विलय का सुझाव दिया गया है। बैंक का मानना है कि यह कदम अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और विकास को तेज गति देने में मदद कर सकता है, खासकर उस समय जब भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।
SBI चेयरमैन ने क्या कहा?
SBI के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी ने ब्लूमबर्ग न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि कुछ छोटे सरकारी बैंक अभी भी बड़े स्तर पर काम नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा—
“कुछ और बैंकों का एकीकरण समझदारी भरा हो सकता है… अगर विलय का एक और दौर होता है, तो यह कोई बुरी बात नहीं होगी।”
पिछले विलय के बाद स्थिति
पिछले एक दशक में हुए बड़े बैंक विलयों के बाद अभी देश में 12 सरकारी बैंक बचे हैं। ये बैंक निजी क्षेत्र के दिग्गज HDFC बैंक और विदेशी बैंकों जैसे HSBC से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
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SBI की बैलेंस शीट: 787 बिलियन डॉलर
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शाखाएँ: 22,500+
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ग्राहक: 500 मिलियन+
सरकार अब और बड़े सरकारी बैंक बनाने के विकल्पों पर विचार कर रही है ताकि बड़े पैमाने की औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को आसान वित्तपोषण मिल सके।
2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बैंकिंग सेक्टर को भी मजबूत होना होगा।
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वर्तमान बैंक वित्तपोषण: GDP का 56%
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लक्ष्य: GDP का लगभग 130%
इससे भारत की GDP लगभग 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने में मदद मिलेगी — जो मौजूदा स्तर से लगभग 10 गुना अधिक होगी।
वैश्विक रैंकिंग: भारत के केवल 2 बैंक टॉप 100 में
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार दुनिया के शीर्ष 100 बैंकों में भारत के सिर्फ दो बैंक शामिल हैं:
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SBI
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HDFC बैंक
टॉप 10 में अमेरिका और चीन के बैंक लगातार अपनी प्रतिस्पर्धा बनाए हुए हैं।
विदेशी निवेश और सप्लाई चेन बदलाव का फायदा
भारत सरकार विदेशी निवेश आकर्षित करने और वैश्विक सप्लाई चेन के बदलाव का लाभ लेने के लिए कर सुधार और कई नीतिगत कदम उठा रही है। इसी दिशा में बड़े बैंक बनाना एक अहम कदम माना जा रहा है।
निर्यातकों को एसबीआई का भरोसा जारी
अमेरिका द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ के असर के बावजूद SBI के चेयरमैन ने कहा कि बैंक किसी भी क्षेत्र में अभी तक बड़ी चुनौती नहीं देख रहा है।
उन्होंने बताया—
“हम अपना एक्सपोजर कम नहीं कर रहे। जरूरत पड़ने पर अस्थायी राहत या सुविधा विस्तार देकर हम निर्यातकों का समर्थन कर रहे हैं।”
कॉर्पोरेट कर्ज में प्रतिस्पर्धा बढ़ी
SBI, जिसमें सरकार की 55% हिस्सेदारी है, ने बताया कि उद्योगों द्वारा पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी के संकेत तो हैं, लेकिन कॉर्पोरेट लोन सेक्टर काफी प्रतिस्पर्धी हो चुका है।
बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपनी क्रेडिट ग्रोथ का अनुमान 11–12% से बढ़ाकर 12–14% कर दिया है।
वर्तमान में देश में 12 सरकारी बैंक
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SBI
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बैंक ऑफ बड़ौदा
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पंजाब नेशनल बैंक
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केनरा बैंक
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बैंक ऑफ इंडिया
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यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
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बैंक ऑफ महाराष्ट्र
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यूको बैंक
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इंडियन बैंक
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इंडियन ओवरसीज बैंक
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सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
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पंजाब एंड सिंध बैंक
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