बोलता सच : देवरिया जिले में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में डाकघर के कर्मचारी की मौत हो गई। महुआडीह क्षेत्र के सवरेजी खग गांव निवासी 30 वर्षीय दिलीप कुमार की बोलेरो से टक्कर लगने के बाद मौत हो गई। हादसा कोन्हवलिया मोड़ के पास उस समय हुआ, जब वह ड्यूटी खत्म कर शाहपुर शुक्ल डाकघर से अपने घर लौट रहे थे।
जानकारी के अनुसार, दिलीप कुमार शुक्रवार देर रात अपने दैनिक कार्य निपटाकर बाइक से घर जा रहे थे। रात लगभग 11 बजे के आसपास, कोन्हवलिया मोड़ के पास एक तेज रफ्तार बोलेरो ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दिलीप सड़क पर दूर जा गिरे और उनकी बाइक के परखच्चे उड़ गए। हादसे के बाद बोलेरो चालक मौके से फरार हो गया, जबकि स्थानीय लोग मौके पर इकट्ठा हो गए।
स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत घटना की जानकारी पुलिस को दी और 108 एंबुलेंस की मदद से घायल को देवरिया मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। वहां डॉक्टरों ने उनकी हालत को नाजुक बताया और इलाज शुरू किया, लेकिन कुछ ही देर बाद दिलीप ने दम तोड़ दिया। उनकी मौत की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। परिवार के सदस्य और रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे तो हर किसी की आंखें नम थीं।
दिलीप कुमार अपने पीछे पत्नी निशा देवी, सात वर्षीय बेटा अभय और पांच वर्षीय बेटा अजीत को छोड़ गए हैं। परिवार के मुखिया की अचानक हुई मौत से पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई है। ग्रामीणों ने बताया कि दिलीप मिलनसार और जिम्मेदार व्यक्ति थे। वह पिछले कई वर्षों से शाहपुर शुक्ल डाकघर में बतौर कर्मचारी कार्यरत थे और रोजाना अपनी ड्यूटी पूरी कर देर रात घर लौटते थे।
हादसे की सूचना मिलते ही महुआडीह पुलिस मौके पर पहुंची और बोलेरो चालक की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने घटनास्थल से कुछ साक्ष्य जुटाए हैं, जिनकी मदद से वाहन की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
थानाध्यक्ष ने बताया कि बोलेरो के नंबर का सुराग मिलने पर चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। फिलहाल, वाहन की तलाश जारी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कोन्हवलिया मोड़ पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। यह इलाका काफी अंधेरा रहता है और रात के समय वहां सड़क किनारे खड़े वाहन या मोड़ पर मुड़ने वाले वाहनों की वजह से दुर्घटनाएं आम हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से उस क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट लगाने और गति-नियंत्रण के लिए स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग की है।
दिलीप की मौत से शाहपुर शुक्ल डाकघर में भी शोक का माहौल है। सहकर्मियों ने बताया कि वह मेहनती और समय के पाबंद कर्मचारी थे। उनके निधन से डाकघर का पूरा स्टाफ गमगीन है। सभी ने प्रशासन से मांग की है कि मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता और उनकी पत्नी को रोजगार दिया जाए ताकि परिवार की आजीविका चल सके।
देवरिया में सड़क हादसों की बढ़ती घटनाओं ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सड़क पर तेज रफ्तार वाहनों की निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नियमित पुलिस गश्त की व्यवस्था की जानी चाहिए।
दिलीप कुमार की असमय मृत्यु से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। हर कोई यही कह रहा है कि यदि सड़क पर थोड़ी सावधानी बरती जाती, तो आज एक परिवार का सहारा यूं न छिनता।
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