बोलता सच : छात्रसंघ चौराहा से शास्त्री चौक तक प्रस्तावित स्मार्ट सड़क परियोजना के तहत नगर निगम की दुकानों को तोड़ने से पहले दुकानदारों को वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद कचहरी बस स्टैंड क्षेत्र के व्यापारी अब संतुष्ट नजर आ रहे हैं और उन्होंने सरकार के निर्णय पर पूरा भरोसा जताया है।
मुख्यमंत्री के आश्वासन से मिली राहत
कचहरी बस स्टैंड के आसपास की दुकानें स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट के दायरे में आ रही हैं। नगर निगम की इन दुकानों को तोड़ने की योजना को लेकर व्यापारियों में पहले नाराजगी थी। हालांकि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद अब उनका रुख सकारात्मक हो गया है। व्यापारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि पहले पुनर्वास किया जाएगा, फिर ही पुरानी दुकानों को हटाया जाएगा।
पुस्तक विक्रेता रतन कुमार शुक्ल ने कहा,
“मुख्यमंत्री के आश्वासन से हमें भरोसा हुआ है कि अब हमारे परिवार को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। उन्होंने हमारी बातें ध्यान से सुनीं। इसके लिए मैं उनका कोटि-कोटि धन्यवाद करता हूं।”
वहीं दुकानदार मृत्युंजय गुप्ता ने कहा,
“हमें मुख्यमंत्री पर पूरा विश्वास है। वे हमारे अभिभावक हैं और जो भी निर्णय करेंगे, हमारे हित में ही करेंगे।”
“पहले बसाएंगे, फिर हटाएंगे”
व्यवसायी रतन लाल गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि जब तक वैकल्पिक दुकानों का इंतजाम नहीं हो जाता, तब तक मौजूदा दुकानों को नहीं तोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा,
“मुख्यमंत्री का आश्वासन हमारे लिए उम्मीद की किरण है। उन्होंने कहा कि पहले नई दुकानें दी जाएंगी, उसके बाद ही पुरानी दुकानों को हटाया जाएगा।”
इसी तरह रंजन मिश्रा ने कहा,
“मुख्यमंत्री ने जो कहा है, वह हमारे लिए पत्थर की लकीर है। हमें ‘महाराज जी’ पर पूरा भरोसा है कि वे हमारे साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने देंगे।”
व्यापारी वर्ग में लौट रहा भरोसा
मुख्यमंत्री के इस कदम से व्यापारी वर्ग में भरोसे का माहौल बना है। पहले जहां दुकानों के हटाए जाने को लेकर असमंजस था, वहीं अब व्यापारी सरकार के फैसले से संतुष्ट हैं। उनका कहना है कि विकास कार्यों का वे विरोध नहीं करते, लेकिन रोजगार प्रभावित न हो, इसका ध्यान सरकार को रखना चाहिए।
नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी अब व्यापारियों की सूची तैयार करने और पुनर्वास की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही नई दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके बाद स्मार्ट सड़क परियोजना का कार्य गति पकड़ेगा।
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