(बोलता सच न्यूज़): अस्थमा या अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोग अक्सर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी महसूस करते हैं। शादी-ब्याह जैसे समारोह, मेले, बाजार या बंद जगहें (जैसे लिफ्ट) उनके लिए असहज हो सकती हैं। इस तरह की स्थिति केवल शारीरिक तकलीफ नहीं, बल्कि मानसिक तनाव या एंग्ज़ाइटी का कारण भी बन सकती है। लेकिन अगर सही सावधानी और तैयारी बरती जाए, तो इन मुश्किल हालातों का सामना किया जा सकता है।
समस्या क्यों होती है?
अस्थमा एक दीर्घकालिक (क्रॉनिक) रोग है जिसमें सांस की नली में सूजन और संकुचन आ जाता है। इससे सांस फूलना, सीने में जकड़न, घरघराहट और थकान जैसी समस्याएं होती हैं।भीड़ में घबराहट की एक बड़ी वजह मानसिक दबाव या एंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर भी हो सकता है। कई बार व्यक्ति को लगता है कि उसे हवा नहीं मिल रही या वह फंस गया है — इसे क्लॉस्ट्रोफोबिया कहा जाता है। एक शोध के अनुसार, अस्थमा से पीड़ित लोगों में एंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में तीन गुना अधिक होता है।
ऐसी स्थिति में क्या करें?
1. इनहेलर साथ रखें और नियमित उपयोग करें
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डॉक्टर द्वारा बताए गए इनहेलर को हमेशा अपने पास रखें।
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एलर्जी, धूल या प्रदूषण से बचें।
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दवा लेने में लापरवाही न करें।
2. सांस लेने के व्यायाम करें
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डायफ्रामेटिक ब्रीदिंग और पर्स्ड-लिप ब्रीदिंग जैसे अभ्यास फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं।
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गहरी सांस लेने से न केवल श्वसन क्षमता बढ़ती है, बल्कि तनाव भी कम होता है।
3. समारोहों में जल्दी पहुंचें
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कार्यक्रम में समय से पहले पहुंच जाएं ताकि भीड़ से बच सकें।
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बैठने के लिए ऐसी जगह चुनें जहां से बाहर निकलना आसान हो।
4. धीरे-धीरे करें माहौल से सामंजस्य
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यदि किसी खास जगह या स्थिति से डर लगता है, तो पहले कम भीड़ वाले स्थानों से शुरुआत करें।
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धीरे-धीरे अधिक लोगों के बीच रहने की आदत डालें।
5. ध्यान और माइंडफुलनेस से पाएं मानसिक राहत
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भीड़ में जाने से पहले कुछ मिनट ध्यान करें या बॉडी स्कैन मेडिटेशन अपनाएं।
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माइंडफुलनेस अभ्यास आपके मन को शांत करता है और घबराहट पर नियंत्रण देता है।
6. मनोवैज्ञानिक सलाह लेने से न हिचकें
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अगर घबराहट और सांस की दिक्कत लगातार बनी रहती है, तो किसी विशेषज्ञ से मिलें।
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कुछ मामलों में CBT (कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी) या हल्की एंटी-एंग्ज़ाइटी दवाएं भी उपयोगी हो सकती हैं।
निष्कर्ष
अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति के लिए भीड़भाड़ या बंद स्थानों में घबराहट महसूस करना आम बात है। लेकिन इससे बचा जा सकता है—सही जानकारी, अभ्यास और मानसिक तैयारी से। शरीर के साथ-साथ मन को भी समझिए, और दोनों की सेहत का ख्याल रखिए।
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