बोलता सच/देवरिया: मोबाइल दुकानदार पर गोली चलाने की घटना का देवरिया पुलिस ने तीन दिन बाद खुलासा कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने कोतवाली क्षेत्र से पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों के पास से अवैध तमंचा, जिंदा कारतूस और वारदात में उपयोग की गई सफेद रंग की कार भी बरामद की गई है। पुलिस का कहना है कि घटना के बाद से आरोपी लगातार फरार थे और स्थान बदल–बदल कर बचने की कोशिश कर रहे थे।
यह घटना 12 नवंबर की शाम सदर कोतवाली क्षेत्र के देवरिया खास के मंगनी टोला इलाके में हुई थी। स्थानीय निवासी राहुल चौरसिया अपनी मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर बैठे थे, तभी कुछ युवक मोबाइल ठीक कराने के बहाने दुकान पर पहुंचे। रिपेयरिंग का काम पूरा होने पर जब राहुल ने उनसे भुगतान मांगा, तो युवक उलझने लगे और बात बढ़कर विवाद में बदल गई। इसी दौरान एक युवक ने अवैध असलहे से राहुल पर फायरिंग कर दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़े। आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया। घटना के बाद पीड़ित के छोटे भाई की तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने पाँच नामजद सहित तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास (धारा 307) का मुकदमा दर्ज किया था।
घटना के बाद से सदर कोतवाली पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी। शुक्रवार को पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी वारदात में उपयोग की गई कार से जिले से बाहर भागने की फिराक में हैं। इस सूचना के आधार पर कोतवाल विनोद कुमार सिंह की टीम ने बेलडाड़ रोड के परसिया अहीर चौराहे के पास घेराबंदी कर वाहन को रोक लिया और पाँचों आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार युवकों की पहचान आशीष पाण्डेय (रामनाथ, देवरिया), सजाद अंसारी (रामनाथ, देवरिया), बृजेश गोस्वामी (बेलाडार, थाना गगहा, गोरखपुर), अर्पित तिवारी (पुत्र प्रमोद तिवारी, रामनाथ, देवरिया) तथा कार्तिक पाण्डेय उर्फ़ अथर्व (टीचर्स कॉलोनी, थाना सलेमपुर) के रूप में हुई है।
तलाशी के दौरान आरोपी बृजेश गोस्वामी के पास से एक अवैध तमंचा और जिंदा कारतूस बरामद किया गया। इसके बाद उसके खिलाफ अलग से आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक पूछताछ में सभी आरोपियों ने स्वीकार किया कि फायरिंग की घटना में वे ही शामिल थे। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि गोली चलाने में उपयोग हुआ हथियार कहां से लाया गया था और क्या इसके पीछे किसी बड़े गैंग या आपराधिक गिरोह का हाथ है।
पुलिस के अनुसार घटना अचानक हुए विवाद का परिणाम लग रही है, लेकिन जांच के दौरान यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या आरोपियों और पीड़ित के बीच पहले से कोई दुश्मनी थी। पुलिस टीम मोबाइल दुकान और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है, ताकि पूरी वारदात को क्रमबद्ध तरीके से समझा जा सके।
कोतवाल विनोद कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है और ऐसी घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
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